भारतीय छविगृहों के इतिहास में रॉक्सी टॉकीज नाम शायद ही भुलाया जा सके

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आगरा ( गिरीश अश्क जनकवि द्वारा ) जब भी हम छविगृहों के इतिहास की बात करते हैं तो हींग की मंडी स्थित आगरा के रॉक्सी टॉकीज सिनेमा हॉल को नहीं भूलते हैं । मेरे होशोहवास में इस सिनेमाघर में हमेशा रियायती दर की फिल्में लगती थीं। इस हॉल के बराबर ही के जी इंटर कॉलेज भी है। 1970 में जब मेरे हाई स्कूल के बोर्ड की परीक्षा का सेंटर इसी कॉलेज में था तो दूसरी शिफ्ट के एग्जाम में हॉल में से चल रहे सिनेमा की आवाज़ें खूब सुनाई देती थीं। मेरा आशय है कि जब फिल्में पुरानी होकर उतर जाती थीं तो इन मध्यम कोटि के टॉकीज में कम कीमत की टिकट पर लोग देखते थे। उस दौर में एक खास बात और देखने को मिलती थी कि लोग इंटरवल बेचते थे अर्थात मध्यांतर तक फ़िल्म देख कर टिकट को आधी कीमत पर बेच देते थे। फिर कभी शेष आधी फ़िल्म इंटरवल खरीद कर देख लेते थे। थी न मजेदार बात। इस सिनेमा हॉल में ज्यादातर सी ग्रेड की फिल्में ही लगती थीं। आखिरी दिनों में तो इसमें ए सर्टिफिकेट वाली फिल्में ही लगती रहीं। वर्तमान में कई वर्षों से बंद पड़े इस हॉल की बिल्डिंग जर्जर अवस्था को प्राप्त कर चुकी है।