जापानी रक्षा कंपनियों को भारतीय रक्षा गलियारों में निवेश का आमंत्रण

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टोक्यो में भारत जापान 2+2 मंत्रीस्तरीय वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने समुद्री डोमेन जागरूकता सहित समुद्री सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर व्यापक विचार-विमर्श किया है। दोनों पक्षों में इस बात पर सहमति बनी है कि राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित और समावेशी हिंद-प्रशांत के लिए एक मजबूत भारत-जापान संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। भारत की इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव (आईपीओआई) जापान के फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक (एफओआईपी) के साथ कई समानताएं साझा करता है। भारत ने क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के हमारे समावेशी दृष्टिकोण के अनुरूप क्षेत्रीय भागीदारों के साथ समुद्री सहयोग भी विकसित किया है। आसियान के साथ भारत के संबंध हमारी विदेश नीति का आधार बनकर उभरे हैं। एडीएमएम प्लसके माध्यम से, भारत और जापान दोनों आसियान और अन्य प्लस देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि समुद्री सुरक्षा, एचएडीआर, शांति अभियानों आदि सहित सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत किया जा सके। आज हमें महत्वपूर्ण मुद्दों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करने का अवसर मिला और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर सहमति बनी।

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