उत्तर प्रदेश में गरीब कन्याओं की शादियों का खर्चा उठा रही है प्रदेश सरकार

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भारत में शादी का आयोजन करना एक बहुत महँगा काम है। लोग अबतक इस दिखावे के घेरे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। खासतौर से गरीब परिवार के लोग इस दिखावे की प्रथा के मुख्य शिकार हैं। अक्सर देखा गया है कि बेटी के पिता द्वारा शादी के लिए ऋण लेना , यहाँ तक कि पैसे की व्यवस्था करने के लिए अपनी संपत्ति, घर तथा आभूषण तक बेच देते हैं। किन्तु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी द्वारा शुरू की गई,गरीब कन्याओं का उपयुक्त लड़कों से विवाह करने की सरकारी योजना जोर पकड़ रही है क्योंकि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पिछले साढ़े पांच वर्षों में इस योजना के तहत करीब दो लाख जोड़ों का सामूहिक विवाह किया जा चूका है।इस योजना के अंतर्गत अब तक अल्पसंख्यक समुदायों के 21,025, अन्य पिछड़ा वर्ग के 60,875, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 10,129, सामान्य वर्ग के 7,858 लोगों ने इसका लाभ उठा चुके हैं। प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत प्रति शादी 51,000 रुपये खर्च किए जाते हैं, जिसमें से 35,000 रुपये लड़की के खाते में, 10,000 रुपये वस्तुओं पर और 6,000 रुपये आयोजन पर खर्च किए जाते हैं।