आगरा की दालमोठ ने भारतीय नाश्ते में बना ली है अपनी विशेष जगह

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आगरा – डालमोथ के जन्म का वास्तविक स्थान किसी को भी सही रूप से नहीं पता है । आगरा, बरेली और फर्रुखाबाद ऐसे शहर हैं जिन्हें अक्सर इसके आविष्कार का श्रेय दिया जाता है। कुछ खाना विशेषज्ञों के अनुसार दालमोठ का जन्मस्थान फर्रुखाबाद था, जो गंगा के तट पर एक अपेक्षाकृत अज्ञात शहर था जहाँ लगभग 200 साल पहले पहली बार दालमोठ बनाई गई थी । आगरा में मनोहर लाल दौलत राम गर्ग डालमोथ की एक भव्य विरासत है जो पिछले 70 वर्षों से स्वादिष्ट डालमोथ खिला रही है। उत्तर प्रदेश के भोजन पर व्यापक काम करने वाली एक खाद्य इतिहासकार का कहना है कि फर्रुखाबाद स्पष्ट रूप से उत्तर प्रदेश की दालमोठ राजधानी के रूप में उभरा था। फर्रुखाबाद के स्थानीय दालमोठ विक्रेताओं के मुताबिक शहर में 150 से 200 साल पहले से दालमोठ खाई जाती थी। उस समय इसे सिर्फ एक या दो परिवारों द्वारा बनाया जाता था। किन्तु रिकॉर्ड्स अनुसार इसके बनाने की शुरुआत 1900 के दशक में हुई थी जब देशराज नामक एक युवक ने अपने घर में दालमोठ बनाना शुरू की थी ।आगरा ने दालमोठ को काली मिर्च के साथ सीज़न किया वहीं बरेली ने खरबूजे के बीज, काजू, सुगंधित पदार्थ डाले और इसे घी में तला।