150 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई थी चिम्मन लाल पूरीवाले की प्रसिद्ध दुकान

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ताज सिटी के प्रसिद्ध चिम्मन लाल पूरीवाले की कहानी 1840 के दशक में शुरू हुई थी। 150 वर्ष के बाद भी उनकी पूरियों में पहले जैसा स्वाद ही मिलता है। इस दुकान की शुरुआत सदियों पुरानी हिंदू धार्मिक परंपरा के कारण हुई थी । हिंदू धर्म के अनुसार, जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 13 दिनों के शोक की अवधि के दौरान कोई भी खाना पकाने की अनुमति नहीं होती है। पुराने समय में आगरा का एकमात्र श्मशान घाट चिम्मन लाल की दुकान से पैदल दूरी पर था। इसी कारण श्मशान से लौटने वाले परिवारों से इस दुकान को खाने के बड़े ऑर्डर मिलते थे। धीमे धीमे चिम्मन लाल की पूरियों ने आगरा के लोगों का दिल जीत लिया। अब यहाँ के लोग ही नहीं , भारतीय तथा विदेशी टूरिस्ट तक चिम्मन लाल की पूरियाँ चखना चाहते हैं। समय समय पर यहाँ की पूरियाँ खाना अब लोकल ट्रेडिशन बन चुका है। ।