सफाई साथियों ने पणजी को जीरो लैंडफिल सिटी में परवर्तित किया
गोवा की राजधानी पणजी अब जीरो-लैंडफिल सिटी बन गई है। शहर में उत्पन्न होने वाले सभी प्रकार के कचरे को अलग अलग किया जाता है और उसका पुनर्नवीनीकरण किया जाता है। यह लोगों की कल्पना से दूर है क्योंकि कचरे के अपशिष्ट प्रबंधन संकट से अधिकांश भारतीय शहर जूझ रहे हैं। गोवा की राजधानी की सफलता की कुंजी कचरे का कुशल पुनर्चक्रण और छंटाई प्रक्रिया है। सभी गीले कचरे को कंपोस्ट करने के अलावा, शहर ठोस कचरे को एक प्रभावशाली 28 श्रेणियों में पुनर्चक्रित करता है, जो 2021 में शुरू की गई मूल 16 श्रेणियों से अधिक है। इन अंशों में विभिन्न प्रकार के कागज, कठोर और नरम प्लास्टिक, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक कचरा, टेट्रा पैक और गैर-पुनर्नवीनीकरण। नारियल के खोल और सिरेमिक तक को भी अलग किया जाता है।
इस अपशिष्ट क्रांति की कुंजी पणजी का कचरा छँटाई केंद्र है जिसे 2014 में स्थापित किया गया था। यहाँ लगभग 30 पुरुष और महिलाएं , जिन्हें सफाई साथी के रूप में जाना जाता है , काम पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ये सफाई साथी काम पर एप्रन और दस्ताने पहने रहते हैं। हवा और सूरज से बचते हुए,ढके हुए बड़े शेड उनका कार्यस्थल है। कार्यकर्ता आपस में एक दूसरे को चिढ़ाते हैं तथा अपना मनोरंजन करते हैं कि दिन भर की छटाई में स्टार कलाकार कौन होगा।