रघु राय की ताजमहल चित्रों पर किताब दुनिया के घरों में देखी जा सकती है
( फोटो रघुराय फाउंडेशन से साभार ) भारत के महान फोटोगाफर , रघु राय की ताजमहल पर किताब दुनिया के अधिकांश घरों की लाइब्रेरी में देखी जा सकती है । भारत के महान फोटोगाफर , रघु राय की ताजमहल पर किताब दुनिया के अधिकांश घरों की लाइब्रेरी में देखी जा सकती है । उनकी इस किताब में ताजमहल के फोटो कई बार देखने पर भी यही प्रश्न उठता है कि उन्हें इन रेयर फोटो को अपने कैमरे में शूट करने में महत्वपूर्ण पल का कितना इंतज़ार किया होगा।
बताया जाता है जब वह ताजमहल की शूटिंग कर रहे थे तो वह अचानक रुक गये और उन्होंने अपने सिर पर सामान रखे थके हुए ग्रामीणों के एक समूह की ओर इशारा किया और एक साथी से कहा , देख यार अपने देश के प्यारे लोगों को देख, इनकी भोली शकलीन देख, क्या बात है। फोटो खींचते समय उनकी आँखें चारों तरफ तेज़ी से चलती थीं।
1965 में राय ने एक फोटोग्राफर के रूप में अपना कॅरिअर शुरू किया। एक साल बाद स्टेट्समैन अख़बार को ज्वाइन किया था । उन्होंने 1990 से 1997 तक वर्ल्ड प्रेस फोटो के लिए जूरी में भी काम किया था ।