भ्रष्ट और काम न करने वाले कर्मचारियों की शामत आई उत्तर प्रदेश में

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उत्तर प्रदेश सरकार 50 वर्ष से अधिक उम्र के उन सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करेगी जो काम करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं या उनपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंगलवार को 31 जुलाई तक सभी विभागों में 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों की स्क्रीनिंग पूरी करने का आदेश जारी कर दिए हैं ।
यह नियम सभी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, स्क्रीनिंग द्वारा भ्रष्टाचार में लीन कर्मचारियों की पहचान की जाएगी। कोविड संक्रमण के कारण स्क्रीनिंग का काम दो साल से बंद था। 2018 से अब तक उत्तर प्रदेश में करीब 450 से अधिक कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है। उधर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महासचिव अतुल मिश्रा का मानना है कि सरकार कर्मचारियों को परेशान कर रही है , इसके अलावा और कुछ नहीं है ।