बॉलीवुड स्टार दिशा पटानी ने हाथियों के लिए जागरूकता बढ़ाई
लोकप्रिय फिल्म स्टार दिशा पाटनी ने ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर मथुरा स्थित वाइल्डलाइफ
एस.ओ.एस के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में दो दिन बिताए और भारत में हाथियों की दुर्दशा के
बारे में भी जाना।
हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र घुमने के दौरान, दिशा पाटनी ने वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस टीम के साथ
बातचीत की और हाथी अस्पताल और देखभाल केंद्र में रह रहे हाथियों की दिनचर्या और उनके उपचार के बारे
में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की। दिशा पाटनी मुख्य रूप से बॉलीवुड फिल्म जगत में अपने काम के लिए जानी
जाती हैं। उन्होंने बॉलीवुड में एक्टिंग की शुरुआत बायोपिक ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ से की थी।
पशु प्रेमी, दिशा जानवरों की सुरक्षा और उनके हित के लिए हमेशा से ही आवाज़ उठाती आई हैं।
5 जून ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, ताकि दुनिया में पर्यावरण सम्बंधित समस्याओं के
बारे में लोगों को अवगत कराया जा सके जिससे व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्राकृतिक आवास को संरक्षित
करने में मदद मिल सके। भारत में, एशियाई हाथियों का प्राकृतिक वातावरण भी पेड़ों की कटाई, प्रदुषण और
गैरकानूनी तस्करी जैसे विभिन्न कारणों से खतरे में है।
एशियाई हाथियों के संरक्षण की लड़ाई में अपना योगदान देने के प्रयास में, दिशा पाटनी ने मथुरा स्थित
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में समय बिताया। उन्होंने हाथियों की दिल दहला देने
वाली कहानियों के बारे में जाना, जिन्हें दशकों के दुर्व्यवहार और क्रूरता से बचाया गया था।
बॉलीवुड स्टार ने स्वेच्छा से हाथियों के लिए फल और सब्जियां काटी, जिन्हें केंद्र में रह रहे हाथियों को उनके
दैनिक आहार के रूप में वितरित किया गया। दिशा ने हाथियों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने
के लिए एनरिच्मेंट भी तैयार किये।
उन्होंने उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस द्वारा संचालित भारत के पहले और
एकमात्र हाथी अस्पताल में उपलब्ध अत्याधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाओं को भी देखा। यहां उन्होंने देखा कि
एन.जी.ओ के पशु चिकित्सक हाथियों को किस तरह लेजर थेरेपी और फुट केयर ट्रीटमेंट प्रदान करते हैं।
हालाँकि, अभिनेत्री के लिए मुख्य आकर्षण हाथियों के साथ उनकी शाम की सैर थी। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस
का उद्देश्य हाथियों को प्राकृतिक वातावरण देना है, जहां वे केंद्र से सटे विशाल हरियाली भरे क्षेत्रों में खुले घूम
सकें।
दिशा पटानी ने कहा, “यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक रहा है, जहां मुझे वाइल्डलाइफ
एस.ओ.एस द्वारा बचाए गए हाथियों की देख-रेख और उनकी चिकित्सा देखभाल के बारे में जानने का मौका
मिला है। भारत के पहले हाथी अस्पताल का दौरा करना, टीम से मिलना तथा भारत में हाथियों की दुर्दशा और
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के काम को समझना एक अविश्वसनीय अनुभव रहा। मैंने सीखा कि एक बार जंगल
से पकड़ लिए जाने के बाद, वे फिर कभी वापस नहीं जा सकते। हाथी की सवारी करने से उसके स्वास्थ्य को
जो छति पहुचती है मैंने उसके बारे में भी जाना। मुझे उम्मीद है कि लोग स्वयं आगे आएंगे और वाइल्डलाइफ
एस.ओ.एस के संरक्षण के प्रयासों को अपना समर्थन देंगे।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “दिशा पाटनी जैसी
बहुचर्चित हस्तियों का आगे आना और हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए स्टैंड लेना, जिससे भारत में
उनकी दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद मिले, यह उनका एक सराहनीय कदम है। यह देखना
उत्साहजनक था कि दिशा ने हाथियों की देखभाल में मदद की और हमारी नेत्रहीन हथनी सूज़ी के लिए भोजन
तैयार करने में मदद की।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस
एलिफेंट हॉस्पिटल में हम हाथियों को आजाद और स्वस्थ जीवन देने का भरसक प्रयास करते हैं। हमें उम्मीद है
कि दिशा पाटनी कई लोगों के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगी और अधिक से अधिक लोगों को प्रकृति की
सुरक्षा करने में सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
2010 में, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस और उत्तर प्रदेश वन विभाग ने मथुरा में पहला हाथी संरक्षण और देखभाल
केंद्र स्थापित किया। उच्च श्रेणी की पशु चिकित्सा सुविधाओं से लैस, केंद्र वर्तमान में लगभग 35 पुनर्वासित
हाथियों को देखभाल और उपचार प्रदान कर रहा है, जिन्हें सर्कस में प्रदर्शन करने, पर्यटकों को सवारी देने,
सड़कों पर भीख मांगने और शादी में इस्तेमाल जैसी बेहद भयानक परिस्थितियों से बचाया गया है।