नेहा ने मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए यूक्रेन में रहने का किया फैसला

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यूक्रेन में रह रही चरखी दादरी की नेहा सांगववान का कहना है कि मैं रहूं या न रहूं, लेकिन मैं इन बच्चों और उनकी मां को ऐसी स्थिति में नहीं छोड़ूंगी। नेहा के माता पिता का कहना है कि हमें गर्व है अपनी बहादुर बेटी के जज्बे पर जिसने 3 मासूम बच्चियों की देखभाल के लिए यूक्रेन छोड़ने से इंकार कर दिया। इस भारतीय युवती का यह निर्भीक कदम उनके मानवीय मूल्यों और संस्कारों को प्रदर्शित करता है।
जहाँ एक ओर भारतीयों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है वहीं दूसरी ओर 17 साल की एक भारतीय लड़की ने मानवीय मूल्यों और भाईचारे की मिसाल पेश की है। संकट की घड़ी में अपने मकान मालिक के परिवार के साथ खड़े रहने का निर्णय लिया है। उसने यूक्रेन छोड़ने से इनकार कर दिया। मकान मालिक यूक्रेन के लड़ रहा है तथा वह उसकी पत्नी और तीन बच्चों के साथ नेहा के साथ बंकर में हैं।