ताज सिटी आगरा में बटर टी पीने के दीवाने हो रहे लोग
आगरा – बटर टी की उत्पत्ति संभवत तिब्बत और भारतीय उपमहाद्वीप के बीच हिमालयी क्षेत्र में हुई थी। किन्तु अब आगरा में भी बाबा की चाय की दुकान की बटर चाय की चुस्की ली जा सकती है। स्थानीय लोगों ने इसे पसंद करना शुरू कर दिया है । इसे ताजे दूध, चाय, चीनी, पिसी हुई इलायची और मक्खन से बनाया जाता है। चाय प्रेमी इलाइची और तैरते हुए पिघले मक्खन के संगम के स्वाद वाली बाबा की चाय की चाय को जरूर टेस्ट करना चाहते हैं। कहा जाता है कि बटर टी का आविष्कार चीन के तांग राजवंश के दौरान 7 वीं शताब्दी के आसपास हुआ था। उस समय चीन की राजकुमारी ने तिब्बत के राजा से विवाह रचाया था।विवाह के बाद चीन और तिब्बत के बीच व्यापार मार्ग स्थापित किए गए जो चीन से तिब्बत में चाय लाते थे। तिब्बती याक के मक्खन का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता था , इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि इसे चाय में भी जोड़ा गया होगा ।