आगरा में बने पचिकारी शतरंज बोर्ड का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी
आगरा भ्रमण करते समय आपकी नजर छोटी छोटी सुविनिअर्स की दुकानों पर अवश्य पड़ती है। जिसमें आपको संगमरमर के बने शानदार शतरंज बोर्ड भी दिखाई देंगे । शतरंज के ये बोर्ड सफेद मकराना संगमरमर से बनाये जाते हैं , जिसमें एगेट, फ़िरोज़ा, कॉर्नेलियन, जैस्पर, ब्लडस्टोन, मदर-ऑफ़-पर्ल, मैलाकाइट और लापीस लाजुली जैसे रंगीन पत्थर जड़े होते हैं । शतरंज की मोहरें भी सफेद और काले संगमरमर से बनाई जाती हैं । पचिकारी शतरंज खेल का बोर्ड सिर्फ कला का एक सुंदर नमूना नहीं है बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी है। इसे मूल रूप से भारत के शाही परिवारों के लिए बनाया गया था और इसे धन और स्थिति का प्रतीक माना जाता था। पहले केवल सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली परिवार ही रत्नों से जड़े पचिकारी शतरंज बोर्ड का मालिक बन सकते थे। अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि शतरंज की उत्पत्ति भारत में हुई थी।
आज पचिकारी शतरंज बोर्ड को अभी भी अत्यधिक महत्व दिया जाता है और इसे एक दुर्लभ और कीमती वस्तु माना जाता है। इसे प्यार और स्नेह का प्रतीक माना जाता है।
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