आगरा का नाम लेते ही लोगों के मुहँ में पानी आ जाता
आगरा की संस्कृति और विरासत सदियों पुरानी है। आगरा का नाम लेते ही लोगों के मुहँ में पानी आ जाता है। आगरा को कैपिटल ऑफ फूड भी कहा जा सकता है। सुन्दर स्मारकों से लेकर विभिन्न जातियों के कई राजवंशों द्वारा शासित होने तक, शहर विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का एक अच्छा मिश्रण हर गली मोहल्ले में दिखाई देता है। इसका असर निश्चित रूप से शहर के खाने-पीने पर पड़ा है। आगरा उत्तर भारतीय शहर होने के बावजूद, यहाँ कई व्यंजनों का बेहतरीन मिश्रण है। यहाँ का स्वादिष्ट पराठा टूरिस्टों के लिए भी विशेष आकर्षण है । रामबाबू पराठा भंडार 1930 में शुरू हुई वह जगह है जहाँ आप तरह तरह के पराठों का आनंद ले सकते हैं।
पराठे का उत्तर भारत की थाली में एक विशेष स्थान है। नाश्ता हो या दोपहर का भोजन, कभी-कभी रात के खाने में भी, पराठा एक ऐसी चीज है जिसे हम टाल नहीं सकते। हालाँकि, यह प्रतिष्ठित व्यंजन दक्षिण से लेकर उत्तर-पूर्व तक पूरे भारत में पाया जा सकता है। सादा पराठा हो या भरवां (ज्यादातर समय आलू पराठा), यहां के हर छात्र का इस व्यंजन से एक विशेष संबंध होता है।
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