रेगिस्तान में खेजड़ी पेड़ों की गिरती संख्या पर बिश्नोई कम्युनिटी चिंतित
बिश्नोई कम्युनिटी के लोग खेजड़ी वृक्षों को कुलदेवी वृक्ष कहते हैं।अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के कारण इन वृक्षों की गिरती संख्या के कारण बिश्नोई काफी चिंतित हैं। खेजड़ी, वह वृक्ष जो रेगिस्तान को जीवन प्रदान करता है। अधिकांश वृक्ष ऊंचाई में 5 मीटर से अधिक तथा कांटेदार होते हैं। खेजड़ी बबूल परिवार से संबंधित हैं ।पोषक तत्वों से भरपूर खेजड़ी की फलियों को ‘केर सांगरी’ नामक पारंपरिक राजस्थानी खाने में में पकाने के लिए काटा और सुखाया जाता है। खेजड़ी वृक्ष रेगिस्तानों में जीवन की रक्षा करता है। उत्तर भारत में, पूरे इतिहास में खेजड़ी के सांस्कृतिक प्रभाव का आंशिक रूप से पता लगाना संभव है।