महिला शौचालय समस्या देश के आधे से अधिक राज्यों में
आगरा में महिला शौचालय के आभाव को याद दिलाया आगरा के जाने माने समाज सेवी श्री आनंद राय ने। उन्होंने कहा की वह बाज़ारों आदि में महिला शौचालय की कमी की हमेशा आवाज़ उठाते रहे हैं।
उन्होंने कहा पुरुष वर्ग कहीं भी खड़ा हो कर मूत्र विसर्जित कर देता है, पर महिलाओं के लिए यह संभव नहीं. बाज़ार को निकली महिलाओं को 2-3 घंटे आम लग जाते हैं, ऐसे में उन्हें बहुत परेशानी होती है। ऐसा करने से मूत्राशय में दर्द, सूजन व यूरिनरी ट्रेक इंफेक्शन की संभावना रहती है। यहाँ तक की यूरिनरी सिस्टम में स्टोन तक का भय बना रहता है.
चर्चा हेतु निकलते समय आदतन नेट पर जब श्री राय ने भारत में इस समस्या के बारे में खोज की तो पाया, कि यह समस्या देश के आधे से अधिक राज्यों में है. कई शहरों में तो जागरूक महिलाओं ने एजिटेशन भी किया. एक ऐसा देश जहाँ हुक्मरान मंच से महिलाओं की बात करते रुआंसे होते, आँखें तक पोंछते हैं व नारी पूजन की बात करते हैं, वहां महिलाओं की इतनी बेसिक नीड का कोई पुरसाहाल न हो, शायद इसी को हिप्पोक्रेसी कहते हैं. फिलहाल एसबीएम के बाद हालात कुछ सुधरे जरूर हैं.