दुनिया में जूते की हर पांचवीं जोड़ी आगरा में बनी होती है

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आगरा जूता उद्योग का इतिहास बड़ा दिलचस्प और पुराना है। कहा जाता है दुनिया में लगभग हर पांचवीं जोड़ी जूते आगरा में बने होते हैं।1526 में भारत में मुगल शासन की स्थापना के बाद, दिल्ली के अतरिक्त आगरा व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र था। हालाँकि, आगरा के चमड़ा उद्योग को सम्राट अकबर के समय में मुख्य प्रोत्साहन मिला। अकबर ने अपने सैनिकों को जूते पहनने का आदेश दिया था । उस समय तक मुगल सेना बिना जूते पहने नंगे पांव लड़ती थी। पूरे साम्राज्य से जूता बनाने वालों को आगरा बुलाया गया था और प्रति वर्ष कई हजार जूतों के जोड़े बनाने का काम शुरू हुआ। सैनिकों के लिए थोड़े मुड़े हुए पैर की उंगलियों वाली सख्त पहनने वाली चमड़े के जुटे बनाये जाते थे।जूतों के अलावा मुगल ढालें भी थीं जो सैनिकों के लिए चमड़े की बनी होती थीं। आज भी आगरा में जूते के लिए मुख्य बाजारों में से एक हींग की मंडी के नाम से जाना जाता है, जिसमें 5000 से अधिक दुकानें हैं। एक सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत के लगभग 65 प्रतिशत जूतों का निर्माण का आगरा में ही होता है।