डॉक्टर जिसके घर से परेशान लोग चेहरे पर मुस्कान लेकर निकलते हैं

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हैदराबाद के डॉ प्रकाश का कहना है कि धार्मिक कार्ड या कॉर्पोरेट धन का उपयोग किए बिना भी समाज सेवा किया जाना संभव है। डॉक्टर सूर्य प्रकाश विंजामुरी, एक एलोपैथिक चिकित्सक, जिन्होंने न केवल अपना पेशा छोड़ दिया, बल्कि अपने आरामदायक जीवन के तरीका भी छोड़कर लोगों की मदद करने और मानव बनने के लिए विचारों के साथ नया रास्ता अपनाया था ।उन्होंने एमबीबीएस तथा मास्टर्स करने के बाद कई वर्षों तक नौकरी भी की किन्तु संतुष्टि नहीं मिली। वास्तिवकता यह थी कि 1983 में अपनी बहन को हार्ट प्रॉब्लम और अपने दोस्त को एक सड़क दुर्घटना में खो दिया था । उस समय उनकी उम्र मात्र 18 वर्ष थी। ये घटनाएं उनके दिमाग में हमेशा घूमती रहीं। 1999 में, डॉ प्रकाश ने अपनी नौकरी छोड़ अपने घर को आम आदमी की सेवा के लिए खोल दिया। उनके इस दो मंजिले मकान को अब ‘अंदरी इल्लू ‘ के नाम से जाना जाता है। अब उनके घर में परीक्षा के लिए शहर में आने वाले छात्र या रोटी और कपड़े की तलाश में भटकता कोई व्यक्ति या कोई भी जरूरतमंद खाना बना-खा सकता है, आराम कर सकता है और किताबें भी पढ़ कर शांति से आराम कर सकता सकता है।