आगरा के युवा ने विकलांग अनाथ बच्चों के लिए ‘आश्रय ‘ घर बनाया

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आगरा के अनिल जोसेफ को बचपन से ही समाज के लिए कुछ करने का स्वप्न रहते थे। आखिर में अनिल ने 75 विकलांग बच्चों के लिए घर बनाया। उन्होंने 2002 डिप्लोमा हांसिल करने के बाद में सही अवसर की तलाश शुरू कर दी थी । उन्हें इस घर को शुरू करने का विचार उस समय दिमाग में आया जब वह आगरा की एक क्लिनिक के दौरे पर, वह बच्ची को गोद में लिए हुए एक मां से मिले, यह बच्ची विकलांग थी । अनिल ने तुरंत बच्चे की स्थिति को भांप लिया।
बच्चे की माँ ने बताया कि बच्चे की हालत परिवार में एक मुद्दा बनती जा रही थी। उसके पति उसे छोड़ने की नियमित धमकी दे रहे हैं । बस यहीं से शुरुआत हुई अनिल के मिशन की।उन्होंने इस बच्ची को आश्रय देने का फैसला किया। जल्द ही, बात फैल गई और दो और माता-पिता ने भी अपने विकलांग बच्चों की मदद के लिए उनका दरवाज़ा खटखटाया । और इसलिए, विशाल, देवी और ओम उनके पहले वार्ड बन गए। अनिल ने कहा मैं कि जब तक मैं जीवित रहूंगा, तब तक मैं विकलांगों को आश्रय देता रहूँगा। वर्तमान में उनके पास ‘आश्रय’ नाम का एक घर है और उन्होंने बच्चों के लिए अधिक खुली जगह प्रदान करने के लिए दिग्नेर (आगरा के बाहरी इलाके) में जमीन भी खरीदी है। 38 वर्षीय अनिल दो बच्चों के पिता हैं। वह घर के सभी विकलांग बच्चों के लिए खुद को जिम्मेदार महसूस करते हैं।