plastic pollution 730x411 - प्‍लास्टिक जिससे शहर लड़ रहे हैं वह समुद्री पर्यावरण में प्रवेश कर रहा है
प्लास्टिक कचरे की समस्‍या

प्‍लास्टिक जिससे शहर लड़ रहे हैं वह समुद्री पर्यावरण में प्रवेश कर रहा है

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भारत और जर्मनी ने ‘समुद्री पर्यावरण में प्रवेश कर रहे प्लास्टिक कचरे की समस्‍या का सामना कर रहे शहरों’ के बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।परियोजना के तहत कानपुर, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर की सहायता की जाएगी।
समुद्री पर्यावरण में प्‍लास्टिक को रोकने की व्‍यवस्‍था बढ़ाने के उद्देश्‍य से इस परियोजना कोराष्ट्रीय स्तर (एमओएचयूएपर), चुनिंदा राज्यों (उत्तर प्रदेश, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) और कानपुर, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर शहरों में साढ़े तीन साल की अवधि के लिए चालू किया जाएगा।
इस परियोजना की परिकल्पना भारत और जर्मनी गणराज्‍य के बीच ‘समुद्री कचरे की रोकथाम’ के क्षेत्र में सहयोग के उद्देश्‍य से संयुक्त घोषणापत्र की रूपरेखा के तहत 2019 में की गई। समुद्री पर्यावरण में प्‍लास्टिक को रोकने की व्‍यवस्‍था बढ़ाने के उद्देश्‍य से इसपरियोजना कोराष्ट्रीय स्तर (एमओएचयूएपर), चुनिंदा राज्यों (उत्तर प्रदेश, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) और कानपुर, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर शहरों में साढ़े तीन साल की अवधि के लिए चालू किया जाएगा।
अनुमान है कि सभी प्लास्टिक का 15-20% नदियों के बहते पानी के रास्‍ते महासागरों में प्रवेश कर रहा है, जिनमें से 90% योगदान दुनिया की 10 सबसे प्रदूषित नदियां करती हैं। इनमें से दो नदियां गंगा और ब्रह्मपुत्र भारत में स्थित हैं।