पतंगबाजी के बहुत शौकीन थे प्रख्यात उर्दू कवि मिर्जा गालिब
आगरा। काला महल 1797 में जन्मे उर्दू कवि मिर्जा गालिब के बचपन के कुछ दोस्त थे जिनके साथ उन्होंने अपने बुढ़ापे तक संपर्क बनाए रखा। उनमें बनारस के राजा चैत सिंह का बेटा भी शामिल था।गालिब चैत सिंह के बेटे के साथ आगरा के काला महल ,जहाँ वह पैदा हुए थे, मानसून की शुरुआत से पहले पतंग उड़ाने आते थे।
उनके अन्य करीबी दोस्त सिकंदराबाद के मिर्जा हरगोपाल तफ्ता थे, जो अक्सर उनसे मिलने के लिए दिल्ली आते थे, गालिब उनके साथ हमेशा दिल्ली से आगरा की यात्रा करते थे। जहां उनके दोस्त उर्दू कवि के रूप में फले-फूले, उनके द्वारा कोच बनाया गया। दोनों की दोस्ती उर्दू साहित्य में एक पहचान बन गई है। गालिब ने दिल्ली-आगरा रोड पर रेडस्टोन हॉर्स के बारे में अपने पत्रों में हमेशा लिखते थे। उनका जन्मस्थान इंद्रभान गर्ल्स इंटर कॉलेज में परिवर्तित हो गया है। किन्तु मिर्ज़ा ग़ालिब के जन्म कक्ष को स्कूल के भीतर संरक्षित रखा गया है।उर्दू साहित्य की दुनिया में गालिब का योगदान, शेक्सपियर के अंग्रेजी साहित्य की तरह महत्वपूर्ण माना जाता है किन्तु आगरा में वह हवेली जहाँ उनका जन्म 1797 में हुआ था, आज भी महान कवि के लिए कोई विशेष स्मारक नहीं है।