नूरी दरवाज़े के मकान में महत्वपूर्ण रणनीति बनाई थी भगत सिंह ने
आगरा – क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह का नाम से आगरा के नूरी दरवाज़े से हमेशा जुड़ा रहेगा। वह नूरी दरवाज़े स्थित एक दो मंजिला मकान जो आज भी मौजूद है, में करीब एक वर्ष तक अपने साथियों के साथ रहे थे। वर्तमान में नूरी दरवाजे के इस मकान की हालत खस्ता नज़र आती है। शहीद भगत सिंह के मकान के ठीक सामने स्वामी बैनी प्रसाद की दुकान है, जहाँ वह दूध, मिठाई लिया करते थे, जो बाद में उनकी गिरफ्तारी के बाद शिनाख्त के लिए कई बार लाहौर भी गए थे। वह खासतौर से पढ़ाई के लिए आगरा आए थे। उन्होंने नूरी दरवाज़े आगरा के दो मंजिला मकान में महत्वपूर्ण रणनीति तैयार की थी। नूरी दरवाज़ा वर्तमान में पेठा बाजार के नाम से मशहूर है। उन्होंने अपना नाम बदलकर बलराज रखा था। एक वर्ष में वह हींग की मंडी और नाई की मंडी भी रहे। उनके साथी भगत सिंह के साथ कैलाश, सिकंदरा, कीठम तथा भरतपुर के जंगलों में वह क्रांतिकारी हथियारों से निशाना लगाने की प्रैक्टिस किया करते थे ।