नूरजहाँ पेठे के स्वाद की दीवानी थीं , इसी वजह शाही मिठाई बना पेठा
आगरा। पेठे का इतिहास हमको मुगल काल में वापस ले जाता है । पेठा 350 साल पुरानी मिठाई है। मुगल काल में आगरा में बड़ी संख्या में सैनिक और जवान तैनात रहते थे। भोजन के बाद इसे मिठाई के रूप में दिया जाता था । प्रश्न था कि इन सैनिकों आदि के लिए कौन सी मिठाई बनाई जा सकती है, जो एक बार में बड़ी मात्रा में बनने पर लंबे समय तक ख़राब न हो। इससे भी महत्वपूर्ण बात, क्या यह बहुत महंगा होगा ? इन सभी सवालों का जवाब पेठा बन गया।
किंवदंती अनुसार शाहजहाँ के अधीन ताजमहल के निर्माण पर प्रतिदिन 22,000 कारीगर काम करते थे। रोज एक ही तरह का खाना खाकर वे परेशान हो गए। तो उनके खाने में कुछ नया जोड़ने के लिए शेफ ने यह पेठा मिठाई तैयार की। कहा जाता है करीब 500 रसोइयों को नियुक्त किया गया जिन्होंने इस पेठा मिठाई को बनाना शुरू किया। नूरजहाँ भी इसके स्वाद की दीवानी हो गई थी, जिसके कारण इसे शाही रसोई में शामिल कर लिया गया था।